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अनुज और ज्योति एक दुसरे से बहुत प्यार करते थे और शादी भी करना चाहते थे, लेकिन उनकी फॅमिली लड़ाई की वजह से दोनों में से किसी की हिम्मत नही होती है अपने घर में बताने की , एक दिन अनुज ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रहा होता है तभी उसका दोस्त राहुल उसके पास आता है |
राहुल :- भाई तुझे कुछ पता नही चला गया?
अनुज :- क्या पता नही चला भाई साफ़ साफ़ बोल ,मुझे बहुत काम है ऑफिस में
राहुल :- भाई ऑफिस बाद में जाइयो पहले ज्योति के घर जा, वरना वो किसी और की हो जाएगी, उसकी माँ ने उसका रिश्ता तय कर दिया है |
अनुज :- तू ये क्या बोल रहा है ,ऐसा नही हो सकता है , वो कभी किसी और से शादी करने को तैयार नही हो सकती है |
राहुल :- भाई वो तैयार नही है लेकिन जैसे तू अपनी माँ के डर से कुछ नही बोल पा रहा है उसी तरह से वो भी अपनी माँ से मना नही कर पा रही है ,मुझे डर है की कही वो डर कर कही अपने आपको कुछ कर ना ले |
अनुज :- भाई तू ऐसा मत बोल मै अभी उसके घर जा रहा हूँ |
राहुल :- मै भी तेरे साथ चलता हूँ , |
अनुज :- नही रहने दे मै अकेला ही जाता हूँ , मुझे कोई तमाशा नही चहिये , तू बस मेरे घर में संभाल लियो |
अनुज ज्योति से मिलने के लिए उसके घर निकल जाता है ,जहाँ पहुचकर वो देखता है की उसकी माँ ने उसकी सगाई कर दी होती है , जिसे देखकर वो घर के अन्दर जाकर ज्योति का हाथ पकड कर अपने साथ लेकर चल देता है तभी ज्योति की माँ अनीता उसका दूसरा हाथ पकड लेती है और अनुज से बोलती है |
अनीता :- मेरी बेटी को लेकर कहाँ जा रहे हो तुम ? और इस समय तुम यहाँ क्यों आये हो ?
ज्योति :- माँ आज तक मेरी आपसे बोलने की हिम्मत नही हुई लेकिन आज मै चुप रही तो अपनी खुशियों को हमेशा के लिए खो दूंगी |
अनीता :- तुम कहना क्या चाहती हो ? साफ़ साफ़ बोलो ?
ज्योति :- माँ मै और अनीता एक दुसरे को बहुत पंसद करते है , और एक दुसरे से शादी भी करना चाहते है |
अनीता :- ये तू क्या बोल रही है ,तू तो जनती है ना की इसके पिता की वजह से तेरे पिता की जान गयी है ,उसके बाद भी तू इससे शादी करना चाहती है |
ज्योति :- माँ सच क्या है ये ना आप जनती है ना अनुज की माँ जानती है लोगो ने जो बोला तुमने वही मान लिया , लेकिन हम ऐसा नही कर सकते है , मै शादी करुँगी तो अनुज से ही करुँगी ,वरना किसी से नही करुँगी |
अनीता :- अनुज तुम्हारी माँ को ये सब पता है या नही ?
अनुज :- नही आंटी जी अभी माँ को कुछ पता नही है लेकिन आज मै उन्हें सब बता दूंगा ,मुझे यकीन है, उनके लिए मुझसे बढ़कर कुछ नही है , वो मेरी ख़ुशी के लिए कुछ भी कर सकती है |
अनुज और ज्योति की बात सुनकर वो समझ जाती है की आज दोनों में से कोई रुकने वाला नही है ,जिसके चलते वो अनुज को अपना फैसला सुनाने के लिए कुछ समय मांग लेती है ,अनुज भी अनीता की बातो पर यकीन करके अकेला ही अपने घर चला जाता है, जहाँ उसकी माँ ममता उसे गुस्से भरी नज़रो से देख रही होती है ,तभी वो अपनी माँ के पास जाता है ,वो कुछ बोलता उससे पहले ममता अनुज को थप्पड़ मार देती है |
सीन :- ममता का अनुज को थप्पड़ मार कर बोलना |
ममता :- अनीता के घर जाकर तू क्या कहकर आया उससे ?
अनुज :- अच्छा तो आप तक बात पहुच गयी ? आपने जो सूना है वो सही है |
ममता :- ऐसा कभी नही होगा , मै उसकी लड़की को अपने घर की बहु कभी नही बनाउंगी |
अनुज :- माँ मै उनके सामने बहुत भरोसे से कहकर आया हूँ ,मेरी माँ के लिए मेरी ख़ुशी सबसे पहले है ,अगर आपने शादी से मना किया तो मै सब कुछ छोड़ कर हमेशा के लिए बहुत दूर चला जाऊंगा , अब मर्ज़ी आपकी है ,की आपको अपनी जिद्द प्यारी है या अपना बेटा |
अनुज की बात सुनकर ममता बहुत परेशान हो जाती है , दोनों अपनी माँ को मनाने की बहुत कोशिश करते है ,आखिर कार दोनों अपनी कोशिश में कामियाब हो जाते है , और ममता और अनीता उनकी शादी करवाने के लिए तैयार हो जाते है , पंडित को बुलवाके उनकी शादी की डेट फिक्स करवा देते है और शादी की तैयारी में लग जाती है , तभी एक दिन अनुज ज्योति को फ़ोन करता है |
अनुज :- ज्योति मुझे यकीन नही हो रहा है की कुछ दिनों में हमारी शादी होने वाली है ,अब तो तुम खुश हो ना ?
ज्योति :- हाँ . मै बहुत खुश हूँ लेकिन पता नही क्यों एक डर सा लग रहा है मुझे ,जैसे कुछ गलत होने वाला हो ?
अनुज :- तुम कुछ ज्यादा ही सोच रही हो ? ऐसा कुछ नही होगा ?
ज्योति :- हमारी माँ एक दुसरे की दुश्मनी को भूल कर हमारी शादी करवा रही है ये बात मुझे हजम नही हो रही है |
अनुज :- तुम कहना क्या चाहती हो की हमारी माँ हमारी शादी करवाने का नाटक कर रही है |
ज्योति :- नही ऐसा नही बोल रही हूँ , लेकिन पता नही क्यों कुछ अजीब सा लग रहा है मुझे |
अनुज :’- ये बिना बात की टेंशन छोड़ो और जाके शादी की तैयारी करो ? मै भी चलता हूँ |
अनुज इतना कहकर कॉल कट कर देता है और अपने दोस्त के साथं ज्योति के लिए लहंगा लेने के लिए मार्किट जाकर जाता है , कुछ देर बाद वो लहंगा लेकर घर आता है और अपनी माँ को बोलता है |
अनुज :- माँ मै ये लहंगा ज्योति के घर देकर आता हूँ |
ममता :- कोई जरूरत नही है , ये काम तेरा दोस्त भी कर सकता है , अब तू शादी से पहले कही नही जा सकता है |
अनुज :- माँ ये क्या बात हुई ?
ममता :- बेटा कल तो तू उसे देख ही लेगा ना ,आज जाने की जरूरत नही है हम लड़के वाले है, थोड़ी तो हमारी इज्ज़त की कदर कर बस आज की बात है |
राहुल :- आंटी जी सही कह रही है , मै ये लहंगा देकर आ सकता हूँ , तुझे जाने की जरूरत नही है |
राहुल इतना कहकर लहंगा लेकर ज्योति के घर जाता है , जहाँ वो ज्योति की माँ अनिता को दो आदमियों को पैसे देते हुए देखता है साथ ही उनकी बाते भी सुनता है |
अनीता :- मैंने तुम्हारी सारे पैसे दे दिए है , जितने तुम ने मांगे थे उससे ज्यादा ही दे दिए है , अब अगर मेरा काम पूरा नही हुआ तो मुझसे बुरा कोई नही होगा , ये काम दुल्हे के आने से पहले हो जाना चहिये , लेकिन ये ध्यान रखना की किसी को पता ना चले |
सीन :- दोनों आदमी और अनीता का वहां से चले जाना |
राहुल :- ये आंटी जी क्या कह रही है , कही ये अनुज को मारने का प्लान तो नही बना रही है , मुझे अनुज को जल्दी ही बताना होगा ये सब |
राहुल जल्दी से घर के अन्दर जाता है और लहंगा देकर जल्दी से वापस आ जाता है और अनुज को उसकी सास की चाल के बारे में बताने की कोशिश करता है लेकिन हर बार नाकामियाब हो जाता है देखते देखते शादी का दिन आ जाता है , अनुज अपनी शादी के लिए तैयार हो रहा होता है तभी राहुल अनुज को सारी बाते बताता है जिसे सुनकर वो बोलता है |
अनुज :- अब समझ में आया की आंटी जी इतनी जल्दी शादी के लिए कैसे तैयार हो गयी , ज्योति की शादी तो मुझसे ही होगी
अनुज दुल्हे की जगह बैंड बाजो वालो के कपडे पहनकर अपने दोस्त के साथ चोरी चुपके ज्योति को भगाने के लिए उसके घर पहुचता है और उसके कमरे में जाता है |ज्योति उसे देखकर हौरन हो जाती है |
ज्योति :- तुम्हे ये कैसी अनोखी ड्रेस पहना हुआ है पहली बार किसी दुल्हे को बैड बाजे वालो के कपड़ो में देख रही हूँ |
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अनुज :- ये सब तुम्हारी माँ की वजह से हुआ है ,मेरे दोस्त ने उनकी सारी बाते सुन ली है वो मुझे मरवाना चाहती है और अपनी पंसद के लड़के के साथ तुम्हारी शादी करवाना चाहती है |
ज्योति :’- ऐसा नही हो सकता है ? मेरी माँ कभी ऐसा नही करेंगी |
अनुज :- हम ये सब बाद में सोचेंगे अभी हमे भागकर शादी करनी होगी ,तुम चलो मेरे साथ , |
सीन :- ज्योति का पकड कर भागना , ज्योति का हाथ छुड़ा लेना |
ज्योति :- मुझे यकीन नही है , तुम्हारी बातो पर , मै ऐसे भागकर अपनी माँ की बेज्जती नही करवा सकती हूँ |
अनुज :- अगर तुम मुझसे प्यार करती हो तो तुम मेरे साथ चलो वरना मै चुप चाप यहाँ से चला जाऊंगा , |
ज्योति डर जाती है और उसके साथ जान को तैयार हो जाती है , दोनों जैसे ही कमरे से भागने की कोशिश करते है सामने अनीता कुछ औरतो को लेकर कमरे में आ जाती है और दुल्हे को बैंड बाजे वालो के कपड़ो में देखकर जोर जोर से हँसने लगती है |
सीन :- अनीता का हँसना |
अनीता :- आज तक शादी में दुल्हे को एक से बढ़कर एक सुन्दर और अच्छी ड्रेस में देखा है लेकिन मुझे ये नही पता था की अपनी खुद की बेटी की शादी में दुल्हे को ऐसी अनोखी ड्रेस में देखूंगी , तुम खुद की शादी में ये बैंड बाजे की ड्रेस पहनकर शादी करोगे क्या ?
ज्योति :- माँ अनुज बोल रहे है की आप इन्हें मार कर अपनी पंसद के लड़के के साथ मेरी शादी करवाना चाहती है “
अनीता :- ये सब झूठ है ? मैंने ऐसा कुछ नही सोचा है , अगर मुझे तुम दोनों की शादी से परेशानी होती तो मै कभी हाँ नही बोलती |
राहुल :- लेकिन मैंने खुद आपको उस दिन दो आदमियों को पैसे देते हुए देखा था और अपने ये भी बोला था की इसके बारे में किसी को पता ना चले |
सीन :- अनीता का राहुल को जोर से थप्पड़ मारना |
अनीता :- वो बात सुनकर तुमने अनुज के कान भर दिए की मै उसे मरवाना चाहती हूँ , पागल लड़के वो मै गाड़ी की बात कर रही थी जिसे में ज्योति और अनुज को गिफ्ट में देना चाहती थी न विश्वास हो तो बाहर जाकर देखो नई फॉर वीलर खड़ी है |
सभी घर के बाहर जाते है ,जहाँ नई गाड़ी देखकर ज्योति और अनुज को बहुत गुस्सा आता है और वो दोनों मिलकर राहुल की बहुत धुलाई करते है और आखिर में कोई और मुहर्त ना होने की वजह से अनुज को बैंड बाजे वालो के कपड़ो में ही शादी करनी पड़ती है अपने दोस्त की एक बेवकूफी की वजह से अनुज खुद की शादी में मजाक बनकर रह जाता है और उसकी शादी की अनोखी ड्रेस उसके साथ साथ सबको याद रह जाती है |
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