NARRATION:- सुजाता ने अपने बेटे की कुछ दिनों पहले शादी की थी, और सुजाता की बहु उसके बेटे की पसंद थी, जो South Indian थी, अब सुजाता की ये साउथ इंडियन बहु रोज़ ही अपने हाथो का बना साउथ इंडियन डिश अपनी सास बहु को बना बनाकर खिला रही थी, एक रोज़ सुबह के समय सुजाता के घर उसकी पड़ोसन विमला का आना होता है|
विमला:- अरे सुजाता कहा है तू , अरे क्या खुशबु आ रही है तेरे घर से, लगता है आज कुछ अच्छा बना है, सुजाता क्या बना रही है तेरी साउथ इंडियन बहु|
सुजाता:- अरे क्या बताऊ विमला जब से मेरी बहु आई है तबसे तो बस, एक से बढ़कर एक अच्छी अच्छी डिश खाने को मिल रही है, कभी डोसा तो कभी इडली सांभर|
विमला:- अरे अभी क्या बना रही है तेरी बहु, क्या खुशबु आ रही है, वैसे मुझे भी इन साउथ के लोगो के हाथो का खाना अच्छा लगता है|
सुजाता:- हां हां रुक बहु अरे ओह बहु मेरे लिए डोसा इडली ला रही है, तो विमला के लिए भी डोसा लेती आइयो|
NARRATION:- अब कुछ ही देर में सुजाता की बहु तारा अपनी सास के साथ साथ विमला के लिए भी डोसा लेकर आती है, जो दिल के शेप में होता है|
विमला:- ये क्या बनाया है बहु ने दिल के आकार का डोसा, अरे तेरी बहु तो कलाकार है, डोसा बनाना तो जानती ही है, साथ में इसका क्या आकार दिया है इसने|
सुजाता:- आखिर बहु किसकी है, ये तो कुछ भी नही है, मेरी बहु को छप्पन स्टाइल का डोसा बनाना आता है|
विमला:- अरे सुजाता डोसा जितना टेस्टी है उतना ये देखने में भी मजेदार है, ऐसा कर तू और बहु मिलकर एक डोसे की दूकान लगा ले, मैं कह रही हूँ खूब चलेगी, इतना अच्छा टेस्ट तो चांदनी चौक के डोसे में भी नही आया था|
सुजाता:- अरे नही नही बहु को जो भी बनाना आता है वो घर में बनाये, घर वाले उसका आनंद ले बस इतना ही, अभी बहु नई है ,मुझे बहु को चौराहे या नुक्कड़ पर खड़ा नही करवाना है|
विमला:- अरे तू भी क्या क्या बोलती है, ये तो अच्छी बात है की तेरी बहु के हाथो में हर तरह के डोसा बनाने का हुनर है, और यही तेरी बहु का टेलेट जब लोगो तक जाएगा तो मैं बता रही हूँ, तेरी बहु फेमस हो जाएगी, मेरा मतलब उसकी दूकान फेमस हो जाएगी|
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NARRATION:- सुजाता के कान में विमला इतनी सी बात डाल देती है, उसके बाद फिर क्या था, सुजाता भी पुरे दिन इसी बात के बारे में सोचने लगती है, लेकिन जब देर शाम सुजाता का बेटा ऑफिस से आता है तो वो उदास होता है|
सुजाता:- बहु कपिल आ गया, जरा उसे चाय पानी दे, कपिल तू ठीक तो है ना बेटा, तेरी तबियत मुझे कुछ ठीक नही लग रही है|
कपिल:- नही बस क्या बोलू माँ, मेरी कंपनी कही और शिफ्ट हो रही है, तो मेरा काम छूटने वाला है, बस इसे ही सोच कर थोडा सा परेशान हूँ|
तारा:- जी लीजिये पानी, अगर आपका ऑफिस बंद हो रहा है तो, कही और मिल जायेगा काम, आप इतना क्यों सोच रहे है|
कपिल:- मिल तो जायेगा लेकिन मुझे यहाँ काम करते हुए कई साल बीत गये है, और नए ऑफिस में मुझे इतनी सैलरी मिले ना मिले, ये भी तो नही पता है|
तारा:- हां ये तो है, मैं आपके लिए चाय बनाकर लाती हूँ|
NARRATION:- सुजाता अपने बेटे कपिल को परेशान देखकर और भी ज्यादा परेशान हो जाती है, और अब वो विमला की बातो पर और भी ज्यादा गौर करती है और अपने बेटे कपिल से कहती है|
सुजाता:- अगर तू बुरा ना माने तो तुझे कुछ कहू? काम को लेकर|
कपिल:- हां माँ कहो ना, क्या बात है|
सुजाता:- मैं क्या कह रही थी की, बहु को तो छप्पन स्टाइल डोसा, बनाना आता ही है तो क्यों ना, बहु के इसी टेलेंट का हम फायदा उठाये, और तुम दोनो छप्पन स्टाइल डोसा की एक दुकान लगा लो।
कपिल:- माँ कही आप डोसा स्टॉल लगने की तो नही सोच रही है, वैसे आइडिया बुरा नही है, क्युकी यहाँ तो दूर दूर तक ना साउथ इंडियन मिलते है, ना ही साउथ इंडियन डोसा, और तारा को तो एक से बढ़कर एक डोसा बनाना आता ही है|
सुजाता:- लेकिन मुझे बहु को बहार भेजना और डोसा ये सब अच्छा नही लग रहा है|
कपिल:- माँ मुझे पता है इस काम के लिए तारा भी मना नही करेगी, और तारा के साथ मैं भी तो रहूँगा|
NARRATION:- सुजाता और कपिल ये बात कर ही रहे होते है, तभी वंहा तारा चाय लेकर आती है, और तारा भी अपने पति की बात सुन अपनी सास से कहती है|
तारा:- माजी आप चिंता मत कीजिये मेरे दिमाग में भी ये बात काफी समय से चल रही थी, लेकिन आज विमला काकी ने आपके दिमाग में ये बात डाली, तो जाकर इसपर चर्चा हुई|
कपिल:- तो देर किस बात की कल से ही लगते है एक छोटा सा छप्पन स्टाइल डोसे की दुकान, जिसमे हर तरह के शेप वाले डोसा मिलेगे|
तारा:- हां तो हम कल से, अपना ये नया बिजनेस शुरू करते है|
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NARRATION:- अब अगले ही दिन तारा और कपिल दोनों ही अपना नया बिजनेस शुरू करते है, एक छोटा सा स्टॉल लगाकर, और अपने उस छोटे से स्टॉल पर एक पोस्टर भी लगते है जिसमे लिखा होता है, South Indian बहु का 56 स्टाइल डोसा|
सीन:- लोगो का आना और तारा का हर तरह के शेप वाले डोसा बनाना|
तारा:- सुनिए जी अभी तक तो, जो भी लोग आये है उन्होंने हमारे डोसे की तारीफ़ ही की है, बस आगे भी सब अच्छा हो|
कपिल:- हां तारा मैं भी यही चाहता हूँ की, अब तक जैसा चल रहा है वैसे ही आगे भी चले|
NARRATION:- विमला को जब ये बात पता चलती है की सुजाता की बहु, ने डोसे का स्टॉल लगाया है, तो वो तुरत ही वंहा पहुचती है|
विमला:- अरे वाह वाह क्या दूकान लगाई है सुजाता की बहु ने, और ग्राहक भी अच्छे खासे आये हुए है|
तारा:- अरे विमला काकी आप, आइये आइये बैठिये आपके लिए भी डोसा बना दू, अब आई है तो खाकर ही जाइये|
विमला:- अरे बहु तेरी बहुत बहुत मेहरबानी, भूख तो बहुत तेज़ लगी थी मुझे, अब आई हूँ तो खा लेती हूँ|
तारा:- अरे विमला काकी आप खाइए ये आपकी अपनी ही तो दूकान है|
NARRATION:- अब विमला वंहा बैठी डोसा का आनंद लेते हुए खा रही होती है, लेकिन वो देखती है, धीरे धीरे ही तारा के डोसे की दूकान पर भीड़ जमा हो रही है|
विमला:- (मन में ) यहाँ तो शादीशुदा, लोग ज्यादा आ रहे है ,. बच्चो को ये डोसा पसंद होगा ना, और बहु भी तो तरह तरह का डोसा बनाना जानती है|
NARRATION:- विमला वंहा से डोसा कहकर सुजाता के पास जाती है, और सुजाता भी हॉल में बैठी टीवी देख रही होती है|
सुजाता:- अरे विमला क्या बात है कई दिनों बाद दर्शन हुए है तेरे, कहा थी दो तीन दिनों से|
विमला:- कही नही सुजाता, घर का काम तो तू जानती है कितना हो जाता है, तूने तो अपने बेटे की शादी कर दी, मेरा बेटा तो अभी कुवारा है तो भला मेरे अलावा और कौन ही काम करेगा|
सुजाता:- अच्छा ये भी है, मेरी भी बहु जबसे आई है मुझे भी बहुत आराम मिला है|
विमला:- हां ये तो है, अरे तेरी बहु से याद आया तेरी बहु की डोसे की दूकान से आ रही हूँ, क्या दूकान चल्र ही है, बहुत बढ़िया है सुजाता तेरे बेटे बहु लगे हुए है, और ग्राहक भी तेरी बहु के हाथो का साउथ इंडियन छप्पन स्टाइल डोसा पसंद कर रहे है|
सुजाता:- अरे तू तो जानती है, मेरे बेटे का काम छुट गया है अब क्या ही कर सकते है, मैंने भी कहा जब बहु के हाथो में कला है तो ,. इतना क्या सोचना खोल लो, डोसे की दुकान|
विमला (मन में ):- अरे मैंने भी मजाक में क्या बोल दिया , ये सुजाता भी सिरियस हो गई, अब तो इसका बेटा भी काम धंधा छोड़ कर डोसे की दुकान में लगा हुआ है|
NARRATION:- अब अगले ही दिन विमला तारा और कपिल के डोसा स्टॉल पर जाती है और, तारा को नमक की थैली देते हुए कहती है की ये उसकी सास ने भिजवाया है, तारा भी उसे ले लेती है, और विमला वंहा से चली आती है, अब देर शाम होते होते तारा की दूकान पर शिकायते आने लगती है|
तारा:- जी ये क्या कह रहे है लोग की, हमारे डोसे से उन्हें लूज़ मोशन लग गया, और ये तो अब तक कई लोगो ने शिकायते कर दी है|
कपिल:- मुझे भी कुछ समझ नही आ रहा की आखिर हमारे डोसे की वजह से, ये सब हुआ तो हुआ कैसे कही किसी ने जानबूझकर कर, खाने में कुछ मिला तो नही दिया|
तारा:- सब कुछ तो मैं बनती हूँ, और यहाँ तो हम दोनों के सिवा और कोई तीसरा आया भी नही है, एक मिनट विमला काकी मुझे एक नमक का पैकेट दे गई थी|
कपिल:- जरा दिखाना वो नमक कहा है, कही विमला काकी ने कुछ और तो नही दिया तुम्हे और तुमने उसे नमक समझकर ,इस्तेमाल कर लिया हो|
NARRATION:- कपिल जब उस नमक को देखता है तो उसमे से अजीब से बदबू आ रही होती है, और वो समझ जाता है की विमला काकी ने नमक नही बल्कि जुलाब की गोलियां का पाउडर दिया थी, जिसे खाने के बाद ग्राहकों की शिकायते आने लगी, लेकिन उस दिन के बाद से, तारा अपनी दूकान पर विमला काकी को आने नही देती है|
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