Tamatar Ki Chatni Bechne Wali - टमाटर की चटनी बेचने वाली - Mumma Tv


Jaya एक सब्जी वाली थी, जिसका पति किसी और के लिए जया और उसकी बेटी को छोड कर चला गया था, अपने पति के जाने के बाद Jaya अपनी बेटी Kareena की देखभाल,और उसकी पढाई के लिए सब्जियां बेचने का काम किया करती थी, एक दिन Jaya अपनी सब्जियों का ठेला पर सब्जी रख कर सब्जियां बेचने के लिए जाने लगती है तभी वहा करीना आती है|

Kareena :- माँ आप अभी कहाँ जा रही है ? 

Jaya :- दिखाई नही दे रहा है तुझे, की मै सब्जी बेचने जा रही हूँ |

Kareena :- ठीक है माँ समझ गयी, मैने तो बस इसलिए पुछा, क्यों की कल आपकी तबियत खराब थी, और आज आप काम पर निकल रही है, मौसम भी ठीक नही है, कभी भी बारिश हो सकती है |

Jaya :- तो क्या करू बेटा तू तो जानती है अगर मे बेचने नही गयी तो घर कैसे चलेगा , इसलिए क्या मौसम और अपनी तबियत देखू, मुझे बस इस बात की चिंता है मे काम नही करूंगी तो कही भूखे न रहे |

Kareena :- अब बस भी करिए माँ, इतना भी गरीबी नही है की,आप अगर एक दिन सब्जी बेचने नही जाएगी,तो हम भूखे रह जायेंगे |




Jaya  :- भूखे नही रह जायेंगे बेटी, लेकिन जो लेन देन है वो कहाँ से करेंगे ? तू मुझे बातों में मत लगा मुझे देर हो रही है, जाने दे, मै तुझे आकर मिलती हूँ |

करीना बोलती रहती है पर जया उसकी नही सुनती और अपना ठेला लेकर निकल जाती है| करीना भी माँ के जाने के बाद घर का काम करने लग जाती है, और जया भी सब्जी के बाजार मै आजाती है और टमाटर बेचना शुरू करती है |

Jaya:- टमाटर ले लो टमाटर, सबसे बढ़िया है ये लाल लाल ताजे ताजे टमाटर, टमाटर ले लो टमाटर |

वो अपने टमाटर के ठेले पर बैठी, आने जाने वालो को आवाज़ देती है, लेकिन कोई भी उसकी तरफ पलट कर नही देखता है, तभी वहाँ एक अर्जुन नाम का लड़का आता है |

अर्जुन  :- कैसे में दे रही हो आप टमाटर ?

Jaya  :- आप भी बड़े अजीब हो भईया , टमाटर के दाम पूछ रहे है, आज कल टमाटर के दाम ऐसे असमान छू रहे है, छोटे से छोटे बच्चे को भी इसका रेट पता होगा,आप तो फिर भी बड़े है |

अर्जुन  :- हाँ वो पता है,लेकिन सबके अपने दाम होते है, आप बताओ , तुम कितने में दे रही हो टमाटर, सही सही बताओ ?



Jaya  :-  देखो भईया सही क्या बताना है,जो रेट चल रहा है वही दाम होगा, 25 रुपे पाओ, अब आप बताओ आपको कितना चाहिए ?

अर्जुन  :- (हैरान होकर )  25 रुपे पाओ, हे भगवान ऐसे ही टमाटर के दाम असमान छूते रहे तो कुछ टाइम बाद 100 रुपे में चार सब्जियां आने की जगह,सिर्फ टमाटर ही आएगा , कुछ कम नही करोगी क्या ?

Jaya  :- नही भईया बिलकुल भी नही सोचना भी नही, इस समय हमारा कुछ नही बच पा रहा है, जैसे तैसे करके बस हमारी जिंदगी की गाडी चल रही है |

अर्जुन :- तब रहने दो हमे नही चहिये, तुम्हारे टमाटर , वरना सही दाम लगा लो ? और कम करके दे दो टमाटर ?

Jaya :- बिलकुल भी नही भईया  (उस अर्जुन की गाड़ी की तरफ इशारा करते हुए )  इतनी बड़ी गाड़ी में आये है आप, तब आपको टमाटर महंगा लग रहा है, तो सोचिये हम गरीबो पर क्या बीत रही होगी |

अर्जुन :- मैंने सीधा सवाल पुछा है तुमसे, तुम दाम कम करके दोगी टमाटर या नही ?

Jaya :- आपको इतनी तरह से समझा लिया, इशारा कर दिया, अभी भी आप मेरे जवाब का इंतजार कर रहे है, मै आपको एक रूपया कम करके न दू टमाटर ,फिर चाहे मुझे टमाटर से भरा ठेला घर वापस क्यों न ले जाना पड़े|



Jaya की बात सुनकर अर्जुन चिढ जाता है, और उसे गुस्से से घूरते हुए अपनी गाड़ी के पास जाने लगता है, वही उसे दूसरा सब्जी वाला दीखता है जिसके पास टमाटर थे लेकिन अच्छे नही थे, लेकिन सस्ते के कारन अर्जुन वो लेकर जया को दिखता हुआ चला जाता है, Jaya अपने टमाटर बेचने की बोहत कोशिश करती है, लेकिन उसके टमाटर नही बिकते है, और वो सच में अपना टमाटर से भरा ठेला लेकर घर वापस आ जाती है |

Jaya  :- ( टमाटर को बोर में भरते हुए )   सत्यानाश हो उस गाड़ी वाले का सुबह सुबह आकर बोनी ख़राब कर गया,उसके जाने के बाद एक भी ग्राहक नही आया, मेरे ठेले पर |

Kareena :-( Jaya की आवाज़ सुनकर Kareena वहाँ आती है और टोट मारती है) क्या हुआ माँ, आप रात के समय किसको आशीर्वाद दे रही हो ?

Jaya :- था एक लड़का, आया तो कार से था, लेकिन नियत का इतना छोटा, की एक पाओ टमाटर भी नही ले पाया,फिर मुझे दिखा कर रामू भैया से सरे गले ले गया और बकवास दुनिया भर की करके चला गया |

Kareena :-  माँ जब आप इतने महंगे टमाटर लेकर बाहर बेचने निकलोगी, तो लोग कहाँ से खरीदेंगे, आप दाम कम करके देखो एक बार , देखना कितनी भीड़ लग जाएगी |

Jaya :- तेरा क्या मन है .इतने महंगे टमाटर दान में दे दू, थोडा दाम कम करने की क्या जरूरत है, फ्री में ही उठा कर दे देती हूँ |

Kareena :- इसलिए मै आपसे बात नही करती हूँ, मुझसे पता नही क्या दुश्मनी है आपको, जब देखो जहर वाली उलटी बाते ही बोलती हो, आपके महंगे टमाटर नही बिक रहे है, तो मै क्या करू ?

Jaya :-  तू कुछ मत कर, यहाँ बैठकर सिर्फ मेरा सर खा, क्योंकी तुझे बस यही करना आता है, पुरे दिन सिर्फ खाती है, और घर में पड़ी रहती है, कभी तेरे मन में ये ख्याल आता है, की अपनी माँ की थोड़ी मदद कर दू, कभी मै ही टमाटर बेचने चली जाऊं |

Kareena :- माँ आप तो यही चाहती है, की मै भी आपकी तरह सब्जियां बेचू, लेकिन मुझसे ये नही होगा, मुझे कुछ बड़ा करना है, |

Jaya :- कुछ दिन तुझसे सब्जियां तो बिक नही रही है, बड़ा पता नही क्या करेगी |

Kareena :- आपसे कौन बिक जाती है, रोज़ यही टमाटर से भरा ठेला लेकर जाती हो, और वही ठेला शामको वापस ले आती हो |

Jaya :- अच्छा अगर ऐसा है,तो अब तू ही मुझे टमाटर बेच कर दिखा दे |

Kareena :- ठीक है,अब मै आपको दिखाती हूँ की टमाटर कैसे बेचे जाते है, कल से शाम को टमाटर का ठेला खाली ही आएगा,अब चलो अन्दर |



करीना की बात सुन उसकी माँ खुशी से उसके सर पर हाथ रखती है,अब दोनों माँ बेटी घर मई चली जाती है , और अगले दिन टमाटर का ठेला लेकर सब्जी मंडी के लिए निकल जाती है, जहां वो भी अपनी माँ की तरह टमाटर बेचती है,पर टमाटर के महंगे दाम सुनकर, कोई भी टमाटर लेने नही आता है |

Kareena :- ( अपने आपसे )  सुबह से शाम होने वाली है, अभी तक एक भी ग्राहक नही आया, बोहत गुस्सा आ रहा है, अब समझ में आया, की माँ इतना क्यों चिल्लाती है,घर पहुचकर, एक काम करती हूँ , कम दाम पर टमाटर बेचकर देखती हूँ, कोई खरीदता है या नही |

Kareena इतना कहकर टमाटर के दाम गिरा देती है, जैसे ही लोग महंगे टमाटर के सस्ते दाम सुनते है,सभी भागकर उसके ठेले पर भीड़ लगा लेते है, और थोड़ी देर में ही, उसके ठेले के सारे टमाटर बिक जाते है, जिसे देखकर Kareenaबोहत खुश हो जाती है, और शाम को हस्ते हुए घर लौटती है |




Kareena :- ( पैसे अपनी माँ के हाथो में रख कर ) लो माँ आज की कमाई, मैंने सारे टमाटर बेच दिए, |

Jaya :-( हैरान होकर ) ये जादू कैसे हो गया ? एक भी टमाटर नही बचे , सारे टमाटर बिक गयी, आज की पब्लिक पागल हो गयी थी क्या ? सच बता क्या किया है तूने ऐसा, की तेरे सारे टमाटर बिक गये |

Kareena :- (मन में) अगर माँ को मैंने ये बता दिया की मैंने महंगे टमाटर सस्ते में बेच दिए है, तो ये मुझे जिंदा ही खा जायेंगे, अब इन्हें कौन समझाए की, कुछ न होने से अच्छा है, कुछ तो हो, |

Jaya :-  बोल न,मुह में दही जम गई है क्या तेरे ?

Kareena :-  माँ ये सब अपना अपना टैलेंट होता है, टैलेंट किसी को बताना नही चाहिए, वरना नज़र लग जाती है|

करीना इतना कहकर आराम से जाकर बिस्तर पर सो जाती है,और अगले दिन से, वो अपनी माँ के कहे बिना ही टमाटर का ठेला लेकर,टमाटर बेचने के लिए निकल जाती है, मार्किट में महंगे टमाटर सस्ते में बेचने वाली को देखकर सभी खुश हो जाते है, और सभी सुबह से ही Kareena के ठेले पर भीड़ लगा लेते है, Jayaरसोई में काम कर रही होती है, तभी उसकी नज़र, खाने की टिफिन पर जाती है |

Jaya:- लो ये तो आज खाना ले जाना ही भूल गयी , पता नही दिन में क्या खाएगी, एक काम करती हूँ, टिफिन लेकर मै ही चली जाती हूँ, इसी बहाने मुझे ये तो पता चलेगा की, वो कैसे बेचती है, महंगे टमाटर जिसे जल्दी कोई देखता भी नही था |

Jaya इतना कहकर , Kareena के लिए खाना लेकर सब्जी मंडी के लिए निकल जाती है, जहाँ वो देखती है, उसके टमाटर के ठेले पर बोहत भीड़ लगी होती है, जिसे देखकर वो दंग रह जाती है, और खुश होकर Kareena के पास जाती है,तभी उसकी नज़र अपनी पड़ोसन दीपा पर जाती है |

Jaya :-  तू यहाँ क्या कर रही है ?  जब मै बेचने आती थी टमाटर, तब तो तू कभी टमाटर खरीदने नही आई, लेकिन मेरी बेटी जब टमाटर बेचने आई, तो तू बड़ी जल्दी बेचने आ गयी \

Deepa:- क्यों की,पुरे सब्जी मंडी में सिर्फ तेरी बेटी ही महंगे टमाटर सस्ते में बेचने वाली है, इसलिए लोगो ने यहाँ भीड़ लगा रखी है, इसलिए मै भी आई हूँ |



Jaya :-  (हैरान होकर _) क्या ?  महंगे टमाटर सस्ते में |

Deepa:- हाँ Jayaबहन महंगे टमाटर सस्ते में, और ऐसा करने वाली और कोई नही आपकी बेटी ही है |

Deepa और अपनी माँ की बाते सुनकर Kareenaडर जाती है,उसे पता था की, आज वो अपनी माँ के हाथो मार खाएगी, जिसके चलते वो और जल्दी जल्दी टमाटर बेचना शुरू हो जाती है, और Jayaउसे लगातार घूरती रहती है, सबके जाने के बाद शाम को दोनों घर पहुचती है, और Jayaअपने हाथो में झाड़ू उठा लेती है |

Jaya:- ( Kareenaको झाड़ू मारते हुए )  ये था तेरा टैलेंट, जिससे तू मुझे बर्बाद करने चली थी, एक बार खुद जाकर सब्जी मंडी से माल उठाकर ला,तब तुझे पता चलेगा की ,मै क्यों टमाटर कम दामो में नही बेचती हूँ, आज के बाद मेरे टमाटर के ठेले को हाथ भी मत लगा दियो |


महंगे टमाटर को सस्ते दामो पर बेचने के बाद उसकी माँ उसे मारती है, फिर उसे बताती है उसने कितना बड़ा नुक्सान करवा दिया है, जिसके बाद वो माफ़ी मांगती है अपनी माँ से थोरी देर बाद अर्जुन भी आकर अपनी गलती की माफ़ी मांग कर अपनी बहन की शादी मै टमाटर की चटनी बनाने के लिए टमाटर का आर्डर देजाता है |

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